कविता अकेले उन रास्तों में वह सहम सी गई थी September 10, 2022 / September 10, 2022 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment मंजू धपोला कपकोट, बागेश्वर उत्तराखंड अकेले उन रास्तों में वह सहम सी गई थी। वह चार थे और बेचारी अकेली खड़ी थी।। बेदर्द है जमाना सुना था उसने। लग रहा था वह बेदर्दी देखने वाली थी।। कोमल से हाथो को कस के पकड़ा था उन जालिमों ने। और वो बस दर्द से वह चीख रही […] Read more » अकेले उन रास्तों में वह सहम सी गई थी