कविता मैं कौन हूं? अथ अहं ब्रह्मास्मि June 7, 2021 / June 7, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —-विनय कुमार विनायकमैं कौन हूं?मन्वन्तर-दर-मन्वन्तरमनु के बेटों कामनु की व्यवस्था सेपूछा गया सवाल पूछता हैफिर-फिर मनु का बेटा!यह जानकर भीकि जबाव देगा नहींव्यवस्थाकारमानक बनाने वालामैं का/मैन का/मन का,अहंब्रह्मास्मि का व्याख्याता,समस्त सृष्टि में विशिष्ट होता!सुविधानुसार संज्ञा-सर्वनाम कोविशेष्य-विशेषण की कसौटी मेंअपनी तरह से परखने वाला,सार को असार/असार कोसार कहने वाला!भूत-भविष्य-वर्तमान का नियोजकसुकरात को जहर पिलाने वाला,कभी जीवित […] Read more » अथ अहं ब्रह्मास्मि (एक)