विविधा अश्लीलता और हिंसा के पक्ष में खड़े ये लोग October 30, 2013 / October 30, 2013 by गिरीश पंकज | 4 Comments on अश्लीलता और हिंसा के पक्ष में खड़े ये लोग गिरीश पंकज इधर नए किस्म के भारतीय समाज में अश्लीलता और हिंसा के प्रति, एक वर्ग में स्वीकृति का भाव देखता हूँ तो हैरत होती है. हम जितने भी आधुनिक हो मगर अश्लीलता और हिंसा को महिमा मंडित नहीं कर सकते। लेकिन पिछले दिनों गांधी नगर के गुजरात केंद्रीय विश्व विद्यालय में हिंदी उपन्यास और […] Read more » अश्लीलता हिंसा
आलोचना अभिव्यक्ति का मतलब अश्लीलता तो नहीं… June 3, 2010 / December 23, 2011 by गिरीश पंकज | 7 Comments on अभिव्यक्ति का मतलब अश्लीलता तो नहीं… -गिरीश पंकज अपने देश में इन दिनों अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर जिस तरह की लंपटताई का खेल चल रहा है, उसे देख कर खीझ होती है। कुछ तथाकथित प्रगतिशील लोगों के कारण समाज का एक नया बौद्धिक वर्ग अश्लील अभिव्यक्तियों को ही आधुनिक होने की गारंटी समझ रहा है। आप अपनी तमाम काली […] Read more » Obscenity अभिव्यक्ति अश्लीलता