धर्म-अध्यात्म असत्य का त्याग और सत्य का ग्रहण मनुष्य का कर्तव्य और धर्म’ January 12, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को मनुष्य इसके मननशील होने के कारण ही कहा जाता है। मनुष्य व पशु में अनेक समानतायें हैं। शारीरिक दृष्टि से दोनों के पास अपना अपना एक शरीर हैं जिसमें दो आंखे, नाक, कान, मुंह व पैर आदि हैं। दोनों के पास इन्द्रियां प्रायः समान हैं और दोनों को ही समान […] Read more » असत्य का त्याग त्याग मनुष्य का कर्तव्य और धर्म’ सत्य का ग्रहण
धर्म-अध्यात्म सत्य का ग्रहण और असत्य का त्याग ही मनुष्य का धर्म है December 6, 2014 / December 7, 2014 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment किसी विषय पर यदि दो बातें हैं, इनमें हो सकता कि एक सत्य हो और दूसरी असत्य या दोनों ही असत्य भी हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में सत्य इन दोनों बातों से भिन्न हो सकता है। सत्य विचारों, सिद्धान्तों और मान्यताओं से जीवन में लाभ होता है और असत्य से लाभ तो कुछ नहीं […] Read more » असत्य का त्याग सत्य का ग्रहण