कविता आज जब बादल छाए June 10, 2013 / June 10, 2013 by प्रवीण गुगनानी | 1 Comment on आज जब बादल छाए कैसे होगा बादल कभी और नीचे और बरस जायेगा , फुहारों और छोटी बड़ी बूंदों के बीच मैं याद करूँगा तुम्हे और तुम भी बरस जाना . .(२)…………………………………………….. कुछ बूंदों पर लिखी थी तुम्हारी यादें जो अब बरस रही है , सहेज कर रखी इन बूंदों पर से नहीं धुली तुम्हारी स्मृतियाँ न ही नमी […] Read more » आज जब बादल छाए