धर्म-अध्यात्म आत्मा की उन्नति के बिना सामाजिक तथा देशोन्नति सम्भव नहीं May 22, 2020 / May 22, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। मनन का अर्थ सत्यासत्य का विचार करना होता है। सत्यासत्य के विचार करने की सामथ्र्य मनुष्य को विद्या व ज्ञान की प्राप्ति से होती है। विद्या व ज्ञान प्राप्ति के लिये बाल्यावस्था में किसी आचार्य से किसी पाठशाला, गुरुकुल या विद्यालय में अध्ययन करना होता […] Read more » आत्मा की उन्नति
धर्म-अध्यात्म आत्मा की उन्नति ही सच्ची जीवनोन्नति अन्यथा जीवन व्यर्थ March 17, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आत्मान्नोति हेतु आत्मा व ईश्वर सहित संसार सं संबंधित वैदिक ज्ञान परम आवश्यक है जिसका सरलतम साधन सत्यार्थप्रकाश व ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका आदि ग्रन्थों सहित वेद, दर्शन, उननिषदों आदि का अध्ययन है। यह ज्ञान आत्मोन्नति के साधक हैं। आत्मोन्नति होने पर मनुष्य असत्य कामों व व्यवहारों को छोड़ कर सद्कर्मों से धनोपार्जन करता है जिसमें उसे सफलता मिलती है और वह सभी प्रकार के अभावों से दूर हो जाता है। Read more » आत्मा की उन्नति जीवनोन्नति