धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज सत्य के प्रचार और असत्य को छुड़ाने का एक सार्वभौमिक आन्दोलन है August 19, 2020 / August 19, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आर्यसमाज विश्व का ऐसा एक अपूर्व संगठन है जो किसी मनुष्य व महापुरुष द्वारा प्रचारित मत का प्रचार नहीं करता अपितु सृष्टि में विद्यमान सत्य की खोज कर सत्य का स्वयं ग्रहण करता व उसके प्रचार द्वारा विश्व के सभी मनुष्यों से उसे अपनाने, ग्रहण व धारण करने का आग्रह करता […] Read more » Arya Samaj is a universal movement to propagate truth and redeem untruth. आर्यसमाज आर्यसमाज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज एवं आर्य संस्थाओं के आवश्यक कर्तव्य एवं दायित्व August 21, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य वर्तमान समय में आर्यसमाज की पहचान एक ऐसे भवन के रूप में होती हैं जहां आर्यसमाजी लोग रविवार को एकत्रित होकर यज्ञ, भजन एवं प्रवचन का कार्य करते हैं और फिर सप्ताह के शेष दिन अपने व्यवसाय आदि के कार्यों में लगे रहते हैं। हमारा अनुमान है कि यदि सर्वे किया जाये […] Read more » आर्यसमाज आर्यसमाज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य
धर्म-अध्यात्म प्रमुख वैश्विक संस्था आर्यसमाज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य व इसके उपयोगी राष्ट्रहितकारी कार्य April 18, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आर्यसमाज की स्थापना वेद प्रचार अर्थात् सत्य ज्ञान के प्रचार के लिए की गई थी जिससे देश व संसार के सभी मानवों का कल्याण हो। ऋषि दयानन्द ने आर्यसमाज के दस नियम सूत्र बद्ध किये हैं। इनका उल्लेख कर देना उचित प्रतीत होता है। पहला नियम है ‘सब सत्य विद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं उनका आदि मूल परिमेश्वर है।’ दूसरा नियम: ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकत्र्ता है। Read more » आर्यसमाज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य