कविता आ गया मधुमास प्यारा, January 30, 2016 by विमलेश बंसल 'आर्या' | Leave a Comment ओढ़कर नव वसन न्यारा॥ प्रकृति का यौवन निराला, गा रहा स्वर तान प्यारा॥ नमन हे ईश्वर तुम्हारा, नमन हे ईश्वर तुम्हारा॥ कूप झरने नदी सागर। मधुर रस में तृप्त गागर॥ झूमते सब पेड़ पौधे। नृत्य करते मोर मोहते॥ कुहुक कोयल की निराली। मगन पुष्पम् डाली डाली॥ पृथ्वी माता हरित आंचल। हरित चुन्नी हरित हर […] Read more » आ गया मधुमास प्यारा