कविता इंसान की असलियत May 17, 2020 / May 17, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment लगा रहे हैं छप्पन भोग भगवान को।खिला न रहा है कोई भूखे इंसान को ।। रेशमी वस्त्र पहनाए जाते है पाषाण को।कौन पहनाता है वस्त्र नंगे इंसान को।। बिलख रहे हैं भूखे बच्चे दूध की एक बूंद को।दूध पिलाया जाता है पत्थर के पाषाण को।। आज बोलबाला है,एक झूठे इंसान का।कोई न पूछता है अब […] Read more » इंसान की असलियत