धर्म-अध्यात्म शख्सियत भारत भाग्य विधाता ऋषि दयानन्द November 10, 2022 / November 10, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य दिनांक 30 अक्टूबर ऋषि दयानन्द (1825-1883) का आंग्ल तिथि के अनुसार बलिदान दिवस वा पुण्य तिथि है। हिन्दी तिथि के अनुसार यह 24 अक्टूबर को था। ऋषि दयानन्द जी का बलिदान हुए पूरे 139 वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। इस अवधि में उनके अनुयायियों एवं आर्यसमाज ने जो कार्य किये हैं […] Read more » ऋषि दयानन्द
लेख ईश्वर प्रदत्त वेद-ज्ञान के जन-जन में प्रचार के लिए समर्पित ऋषि दयानन्द September 17, 2021 / September 17, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य वेद कहानी किस्से अथवा किसी धर्म प्रचारक मनुष्य के उपदेशों का ग्रन्थ नहीं है अपितु यह इस संसार की रचना करने व इसका पालन कर रहे सर्वव्यापक, सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान एवं सच्चिदानन्दस्वरूप परमात्मा का दिव्य ज्ञान है जो उसने सृष्टि के आरम्भ में चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य तथा अंगिरा को अमैथुनी […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द की एक प्रमुख देन सृष्टि का प्रवाह से अनादि होने का सिद्धान्त June 25, 2021 / June 25, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यऋषि दयानन्द ने देश और संसार को अनेक सत्य सिद्धान्त व मान्यतायें प्रदान की है। उन्होंने ही अज्ञान तथा अन्धविश्वासों से त्रस्त विश्व व सभी मतान्तरों को ईश्वर के सत्यस्वरूप से अवगत कराने के साथ ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना तथा उपासना एवं अग्निहोत्र यज्ञ का महत्व बताया तथा इनके क्रियात्मक स्वरूप को पूर्ण […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द वेदज्ञान द्वारा सब मनुष्यों को परमात्मा से मिलाना चाहते थे June 16, 2021 / June 16, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्यमहाभारत के बाद ऋषि दयानन्द ने भारत ही नहीं अपितु विश्व के इतिहास में वह कार्य किया है जो संसार में अन्य किसी महापुरुष ने नहीं किया। अन्य महापुरुषों ने कौन सा कार्य नहीं किया जो ऋषि ने किया? इसका उत्तर है कि ऋषि दयानन्द ने अपने कठोर तप व पुरुषार्थ से सृष्टि […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने चार वेदों को ईश्वर प्रदत्त अनादि ज्ञान सिद्ध किया March 11, 2021 / March 11, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसूर्य, चन्द्र, पृथिवी तथा नक्षत्रों आदि से युक्त हमारी यह भौतिक सृष्टि मनुष्योत्पत्ति से बहुत पहले बन चुकी थी। अतः इसे मनुष्यों ने नहीं बनाया यह बात तो स्पष्ट है। मनुष्य एक, दो व करोड़ों मिलकर भी इस सृष्टि व इसके एक ग्रह को भी नहीं बना सकते। यदि ऐसा है तो फिर […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द न आये होते तो आर्य-हिन्दू अत्यन्त दुर्दशा को प्राप्त होते March 11, 2021 / March 11, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य की पहचान व उसका महत्व उसके ज्ञान, गुणों, आचरण एवं व्यवहार आदि से होता है। संसार में 7 अरब से अधिक लोग रहते हैं। सब एक समान नहीं है। सबकी आकृतियां व प्रकृतियां अलग हैं तथा सबके स्वभाव व ज्ञान का स्तर भी अलग है। बहुत से लोग अपने ज्ञान के अनुरूप […] Read more » If the sage Dayanand had not come the Arya-Hindus would have been in a very bad situation. ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने अविद्या दूर करने सहित संसार का महान उपकार किया March 8, 2021 / March 8, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य सृष्टि के आरम्भ से संसार में मनुष्य आदि प्राणियों का जन्म होता आ रहा है। मनुष्य बुद्धि से युक्त प्राणी है जो सोच विचार कर सत्य और असत्य का निर्णय कर अपने सभी कार्य करता व कर सकता है। सामान्य मनुष्य दूसरे शिक्षित मनुष्यों को देखकर अपने जीवन को भी अच्छा […] Read more » Rishi Dayanand did great work of the world including removing ignorance ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ से वेदों के सत्यस्वरूप का प्रचार हुआ February 17, 2021 / February 17, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यऋषि दयानन्द के आगमन से पूर्व विश्व में लोगों को वेदों तथा ईश्वर सहित आत्मा एवं प्रकृति के सत्यस्वरूप का स्पष्ट ज्ञान विदित नहीं था। वेदों, उपनिषद एवं दर्शन आदि ग्रन्थों से वेदों एवं ईश्वर का कुछ कुछ सत्यस्वरूप विदित होता था परन्तु इन ग्रन्थों के संस्कृत में होने और संस्कृत का अध्ययन-अध्यापन […] Read more » ऋषि दयानन्द सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म समाज ऋषि दयानन्द ने न्याय को दृष्टिगत पर सामाजिक सुधार कार्य किए February 16, 2021 / February 16, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यऋषि दयानन्द (1825-1883) ने अपना जीवन ईश्वर के सत्यस्वरूप तथा मृत्यु पर विजय प्राप्ति के उपायों की खोज में लगाया था। इसी कार्य के लिए वह अपनी आयु के बाइसवें वर्ष में अपने पितृ गृह का त्याग कर अपने उद्देश्य को सिद्ध करने के लिए निकले थे। अपनी आयु के 38वे वर्ष में […] Read more » Rishi Dayanand did social reform work on the view of justice ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने ऋषि परम्परा का निर्वहन करते हुए वेद परम्पराओं को पुनर्जीवित किया January 23, 2021 / January 23, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यआदि काल से महाभारत काल तक देश देशान्तर में ईश्वरीय ज्ञान वेदों का प्रचार था। वेद सृष्टि की आदि में ईश्वर द्वारा मनुष्यों को प्रेरित व प्राप्त ज्ञान है। वेद सब सत्य विद्याओं से युक्त हैं जिससे मनुष्य की सर्वांगीण उन्नति होती है। ईश्वर, जीवात्मा तथा सृष्टि की उत्पत्ति, सृष्टि उत्पत्ति के प्रयोजन, […] Read more » ऋषि दयानन्द ऋषि परम्परा का निर्वहन वेद परम्पराओं को पुनर्जीवित
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने ईश्वर के सत्यस्वरूप को जानना सरल बना दिया January 22, 2021 / January 22, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसंसार में जानने योग्य यदि सबसे अधिक मूल्यवान कोई सत्ता व पदार्थ हैं तो वह ईश्वर व जीवात्मा हैं। ईश्वर के विषय में आज भी प्रायः समस्त धार्मिक जगत पूर्ण ज्ञान की स्थिति में नहीं है। सभी मतों में ईश्वर व जीवात्मा के सत्यस्वरूप को लेकर भ्रान्तियां हैं। कुछ मत ईश्वर को मनुष्यों […] Read more » Sage Dayanand made it easy to know the truth of God ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द के तप, त्याग व भावनाओं को ध्यान में रखकर हमें वेदभाष्य सहित उनके सभी ग्रन्थों का स्वाध्याय करना चाहिये November 17, 2020 / November 17, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्यऋषि दयानन्द संसार के महापुरुषों में अन्यतम थे। उन्होंने जो कार्य किया वह अन्य महापुरुषों ने नहीं किया। उन्होंने ही हमें ईश्वर के सत्यस्वरूप से परिचित कराया है। उनसे पूर्व ईश्वर का सत्यस्वरूप वेद, उपनिषद आदि ग्रन्थों में उपलब्ध था परन्तु देश के न केवल सामान्य जन अपितु विद्वानों को भी उसका ज्ञान […] Read more » ऋषि दयानन्द