चिंतन धर्म-अध्यात्म असली आनंद मिलता है, कर्त्तव्य निर्वाह के बाद ही June 19, 2013 / June 19, 2013 by डॉ. दीपक आचार्य | 1 Comment on असली आनंद मिलता है, कर्त्तव्य निर्वाह के बाद ही कर्म और जीवन के आनंद के बीच गहरा रिश्ता है। आनंद ही अपना चरम लक्ष्य हो और कर्त्तव्य कर्म गौण या उपेक्षित हो तो वह आनंद मात्रा आभासी एवं क्षणिक ही होता है जबकि कर्त्तव्य कर्म का निर्वाह हमारी प्राथमिकता में हो तब इसके बाद जिस आनंद की प्राप्ति होती है वह चिरस्थायी, शाश्वत और बार-बार […] Read more » असली आनंद मिलता है कर्त्तव्य निर्वाह के बाद ही