कविता
कविता:आरक्षण की वेदी पर…-बीनू भटनागर
by बीनू भटनागर
आरक्षण के मुद्दे पर, यों तो सब दल साथ खड़े हैं, इतनी छीना झपटी देखकर, हम तो शर्मसार खड़े हैं। संसद तो बन गया अखाड़ा, कुश्ती देखो, देखो दंगल, सारे पहलवान खड़े हैं। जाति आधारित आरक्षण का, अब कोई आधार नहीं है, इसके चलते जिनके पू्र्वज, ऊँची कुर्सी पा चुके हैं, उन्हीं के वंशज […]
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