कविता कविता-पुनर्जन्म:विजय निकोर September 27, 2012 / September 27, 2012 by विजय निकोर | 2 Comments on कविता-पुनर्जन्म:विजय निकोर तुम्हारा अंकुरित स्नेह सुकुमार ज्यों अकलंकित आकाश ने फेंक दिए सितारे सारे मेरी झोली में आज, और फिर भी मैं डरा-डरा-सा खड़ा रहा कितने कटु अनुभवों की भीड़ में, अतीत की टीस में अनवरत डूबा रहा। टीस की ठिठुरन घबराई-सी दुबकी पड़ी थी, जाले लगे कितने अंतरस्थ कोनो में गए रिश्तों के बर्फ़ीले दर्द थे […] Read more » कविता-पुनर्जन्म:विजय निकोर