कविता कविता : संकल्प May 29, 2013 by मिलन सिन्हा | Leave a Comment मिलन सिन्हा जो है खरा झंझावात में भी वही रह पायेगा खड़ा . नहीं दिखेगा वह कभी भी डरा-डरा . कोई भी उसे अपने संकल्प से नहीं डिगा पायेगा पर, जो खोटा है भले ही मोटा है देखने में चिकना चुपड़ा है सौन्दर्य प्रसाधनों का चलता-फिरता विज्ञापन है, मुखौटा हटते ही उसका असली चेहरा दिखेगा […] Read more » कविता : संकल्प