राजनीति मनुवाद का उग्र व रक्तरंजित विरोध पर मायावती को सोचना होगा March 22, 2017 / March 22, 2017 by आचार्य विष्णु श्रीहरि | Leave a Comment प्रमाणित और निर्णायक तौर पर मायावती न तो काशी राम हैं और न ही भीमराव अबेडकर हैं। काशी राम और भीम राव अंबेडकर को दौलत नहीं चाहिए थे, संपत्ति से इन्हें कोई मोह नहीं था। इनकी केवल इच्छा दलितों की उन्नति और उत्थान था, जिनके लिए ये लडे। काशी राम पार्टी और संगठन में आये पैसे कार्यकर्ताओं के बीच वितरित करते थे। इसलिए काशी राम के प्रति दलितों का सम्मान जारी है। अबेडकर कहा करते थे कि सिर्फ उफान पैदा करने से और गाली देने से मात्र से दलितों का उत्थान नहीं होगा, उन्नति नहीं होगी। Read more » Featured काशी राम भीमराव अंबेडकर मनुवाद मनुवाद का उग्र विरोध मनुवाद का रक्तरंजित विरोध मायावती सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय