कविता कैसी पलटी है समय की धार June 25, 2014 / June 25, 2014 by जावेद उस्मानी | Leave a Comment -जावेद उस्मानी- कैसी पलटी है समय की धार। हमसे रूठी हमारी ही सरकार। उतर चुका सब चुनावी बुखार। नहीं अब कोई जन सरोकार। अनसुनी है अब सबकी पुकार। बहरा हो गया हमारा करतार। दमक रहा है बस शाही दरबार। झोपड़ों में पसरा और अंधकार। सुन लो अब भी एक अर्ज़ हमार। आपकी पालकी के हमीं […] Read more » कविता कैसी पलटी है समय की धार समय की धार हिन्दी कविता