कविता कोरोना चालीसा May 26, 2020 / May 26, 2020 by डॉ. सदानंद पॉल | Leave a Comment ■ डॉ. सदानंद पॉल दोहा : श्रीशुरु कोरन रोज रज, निज में पकड़ू कपारी;नरनारू रहबर मल-मूत्र, जो दाई कुफल मारी।बुद्धिहीन मन जानकर, सुमिरन वुहान-कुमार;बल बुद्धि विदया लेहु मोहिं, काहु वयरस-विकार। चौपाई : जय कोरूमान विपद सप्तसागर;जय कोरिस तिहुं परलोक उजागर। मृत्युदूत अतुलनीय बल धामा;वुहानपुत्र चीनसुत नामा। अहा ! वीर पराक्रम रंगी-बिरंगी;मति मार कुबुद्धि के संगी। […] Read more » कोरोना चालीसा