कविता क्या थी मेरी खता August 31, 2022 / August 31, 2022 by लक्ष्मी अग्रवाल | Leave a Comment पापा के आँगन की थी मैं भी महकती कलीपढ़-लिखकर सपने अपने पूरे करने थी चलीफिर क्या कसूर था मेरा किसजा मुझे इतनी भयंकर मिली ?किसी की नाजायज ख्वाहिशों का हिस्सा नहीं बननाया अपने लिए अपने हिसाब की ज़िन्दगी चुननाया दोष था मेरा समाज में बेटी बनकर पलनापता तो चले मुझे कि क्या थी मेरी खता […] Read more » क्या थी मेरी खता