कविता खाते हो जिस थाली में September 19, 2020 / September 19, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment खाते हो जिस थाली में,उसी में तुम छेद करते हो।दिया है फिल्म इंडस्ट्री ने सब,उसी से मन भेद रखते हो।। ये थाली तुमने अकेले नहीं,सबने मिलकर ही बनाई है।सबने छप्पन भोग बनाकर,ये थाली सबने सजाई है।। अब तो छाज तो छाज़,छलनी भी बोलने लगी है।जिसमे बहात्तर छेद है पहले,थाली में भी छेद करने लगी है […] Read more » खाते हो जिस थाली में