गजल गजल-खूं बहाके दंगों में जन्नतें नहीं मिलती…..इक़बाल हिंदुस्तानी May 20, 2012 / May 20, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 6 Comments on गजल-खूं बहाके दंगों में जन्नतें नहीं मिलती…..इक़बाल हिंदुस्तानी महनती ग़रीबों को देवता बना देना, कुदरती वसाइल पर सबका हक़ लिखा देना। लोग जिनके ज़हनों को रहनुमा चलाते हैं, अब भी वो गुलामी में जी रहे बता देना। सच को सच बताने की क़ीमतें जो चाहते हैं, उनकी खुद की क़ीमत भी माथे पर लिखा देना। जुल्म और हक़तल्फ़ी ख़ामोशी से […] Read more » .इक़बाल हिंदुस्तानी gazal by iqbal hindustani गजल-खूं बहाके दंगों में जन्नतें नहीं मिलती.....इक़बाल हिंदुस्तानी