गजल या खुदा कैसा ये वक्त है July 22, 2014 by जावेद उस्मानी | Leave a Comment -जावेद उस्मानी- हर सिम्त चलते खंज़र, कैसा है खूनी मंज़र हर दिल पे ज़ख्मेकारी, हर आंख में समंदर दहशती कहकहे पर रक्स करती वसूलों की लाशें इस दश्तेखौफ़ में, अमन को कहां जा के तलाशें दम घुटता है इंसानियत का, वहशीपन जारी है या खुदा कैसा ये वक्त है लहू का नशा तारी है Read more » ग़ज़ल या खुदा कैसा ये वक्त है