कविता कविता ; गीत नया तू गाना सीख – श्यामल सुमन March 9, 2012 / March 9, 2012 by श्यामल सुमन | 1 Comment on कविता ; गीत नया तू गाना सीख – श्यामल सुमन खुद से देखो उड़ के यार एहसासों से जुड़ के यार जैसे गूंगे स्वाद समझते, कह ना पाते गुड के यार कैसा है संयोग यहाँ सुन्दर दिखते लोग यहाँ जिसको पूछो वे कहते कि मेरे तन में रोग यहाँ मजबूरी का रोना क्या अपना आपा खोना क्या होना जो था हुआ आजतक, और […] Read more » poem Poems कविता गीत नया तू गाना सीख