साहित्य गीत ; चट्टू हो गई जीभ – प्रभुदयाल श्रीवास्तव April 28, 2012 / April 28, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment प्रभुदयाल श्रीवास्तव चट्टू हो गई जीभ जलेबी कौन खिलाये चस्का लगा मलाई बर्फी लड्डू रसगुल्ला एक इशारे पर पहुँचा देता कोई दुमछल्ला री मैया संपूर्ण उमरिया यूं ही कट जाये चट्टू हो गई जीभ जलेबी कौन खिलाये| आसमान से उड़े परिंदे धरती पर आते तृष्णाओं के मकड़ जाल में स्वयं ही फँस जाते […] Read more » geet गीत चट्टू हो गई जीभ गीत