कविता सागर व नदी का वार्तालाप May 10, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment भले ही तुम गहरे हो ! मेरा भी रिश्ता तुमसे गहरा है सदियों से तुम्हारे पास आ रही हूँ अपना रिश्ता तुमसे निभा रही हूँ सोचा!कितनी दूर से यहाँ आती हूँ तुम्हारी,मै प्यास बुझाती हूँ मै बस तुमसे मिलने आती हूँ मै मेरा उद्गम झरने से है तुम्हारा उद्गम मेरे से है मै ही तुमको […] Read more » गंगा गोमती चिनाव झेलम नदी भागीरथी मंदाकनी यमुना रावी सागर