व्यंग्य चोरी का राष्ट्रीय उद्यम April 2, 2019 / April 2, 2019 by मोहन कुमार झा | Leave a Comment एक समय था जब चोरी करना या चोरी होना बहुत बड़ी घटना होती थी। मेरे गांव में जब चोरी होती थी तो महीनों तक चर्चा चलती रहती। जिस घर चोरी होती थी अक्सर उस घर की कोई बूढ़ी अपने बुढ़े मुंह से कई दिनों तक सुबह-शाम, दिन-दोपहर चोरों को दिव्य श्राप दिया करती। ये श्राप […] Read more » चोरी चोरी का राष्ट्रीय उद्यम
व्यंग्य अब चोरी भी बिजनिस हो गया है May 2, 2011 / December 13, 2011 by रामस्वरूप रावतसरे | Leave a Comment हरिया ने जब सुना कि देश में घोटालों को लेकर सब तरफ उगली उठ रही है । लेकिन असली घोटाले बाज कौन है ं किसके जिम्मे है यह देश ,और इसकी जनता । किसे इसकी रक्षा करनी चाहिये थी । जिसे देखों इसे लुटने में लगा है । खैर हरिया की सठियायी हुई बुद्धि में […] Read more » Business चोरी बिजनिस रामस्वरूप रावतसरे