व्यंग्य जंग, दिल और दिमाग़ की February 16, 2013 by बीनू भटनागर | 6 Comments on जंग, दिल और दिमाग़ की ‘जब दिल ही टूट गया, हम जी कर क्या करेंगे ’ पुराना गाना है, पर शायद सबने सुना हो। दिल टूटने के बाद जी ही नहीं सकते, जब आपके पास ऐसा कोई विकल्प है ही नहीं, तो ये क्या कहना कि जी कर क्या करेंगे! शायरों को थोड़ा सा जीव-विज्ञान का ज्ञान होता तो बहुत […] Read more » जंग दिल और दिमाग़ की