विविधा समाज जीवन का पुनर्मूल्यांकन और जर्जर समाज July 8, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on जीवन का पुनर्मूल्यांकन और जर्जर समाज घनश्याम भारतीय भारत गांवो का देश है, क्योंकि देश की अधिकांश आबादी गांवो में बसती है। इसलिए गांवो और ग्रामीणो की दशा सुधारने के लिए सरकार द्वारा कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रयास तो किये जा रहे है परन्तु वह परिणाम सामने नही आ पा रहा है जो आना चाहिए। इसका अर्थ यह हुआ कि […] Read more » जर्जर समाज जीवन का पुनर्मूल्यांकन