व्यंग्य साहित्य जूता जासूस December 29, 2017 by विजय कुमार | Leave a Comment किसी जमाने में एक शायर हुआ करते थे अकबर इलाहबादी। पेशे से तो वे न्यायाधीश थे; पर उनकी प्रसिद्धि उनकी चुटीली शायरी से अधिक हुई। उनका एक प्रसिद्ध शेर है – जूता बाटा ने बनाया, मैंने इक मजमूं लिखा मेरा मजमूं चल न पाया और जूता चल गया।। अब प्रश्न उठता है कि आज जूते […] Read more » Featured जूता जूता जासूस