कविता ज्ञान गुनने से बहु गुणित हो जाता है January 7, 2021 / January 7, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकज्ञान गुनने से,जीव गुणसूत्र ही बहुगुणित हो जाता हैस्व अंतर्मन में!करो सद्गुणों का विकास अंतःकरण मेंकि ज्ञान जीव के अंदर है! ज्ञान धुनने से,रुई की तरह ही आच्छादित हो जाता हैअपने रुह में!करो ज्ञान का विस्तारण स्व आत्मन मेंकि आत्मा ज्ञान का मंदिर है! ज्ञान रुंधने से,मिट्टी की तरह मूर्तिमान होने लगता हैअंतर […] Read more » ज्ञान गुनने से बहु गुणित हो जाता है