कविता डाकघर के कर्मवीर July 21, 2021 / July 21, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकहे डाकघरतुम जैसे वैसेतेरे कर्मवीरतेरे गात्र की लालीसाहीबहताहैउनका अश्रु नीर! तेरी ही पत्र पेटी केजैसाउनका पेटकभी नही भरताकठिन कामकर अर्धदाम परअधखाए असमय ही मरता!इसका तुम्हेंनहीकुछ भान? बेवक्त के अधबूढ़े जैसा,तंगहाल पर तीव्र चाल सेडाकघर की ओर अग्रसरवह अंतर्देशीयनुमा ढांचा! पहला मोड़ घुटने पर,दूसरा कमर,तीसरा गर्दन परमैल गोंद से चिपका कालरइन श्रमवीरों का बोलोकिसने […] Read more » post office workers डाकघर के कर्मवीर