कविता नारी की पीड़ा July 4, 2018 / July 4, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment नारी तुझको कोई अबला कहता,कोई सबला भी कहता है पुरुष तुझको सबला कहकर,फिर भी वह प्रताड़ित करता है तूही द्वापर में,तूही त्रेता में,तूही कलयुग में आई है कही तुझे जुए में हारा,कही तूने अग्नि परीक्षा पाई है जो नारी का करे अपमान,वह मर्द कभी नहीं हो सकता है जो बहन का करे न सुरक्षा,वह भाई […] Read more » तूही कलयुग तूही त्रेता में तूही द्वापर में नारी की पीड़ा