गजल साहित्य तेरे जाने के बाद ही शाम हो गई June 11, 2013 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment तेरे जाने के बाद ही शाम हो गई शब् पूरी अंधेरों के नाम हो गई ! मैक़दे की तरफ बढ़ चले क़दम ज़िंदगी ही फिर जैसे ज़ाम हो गई ! आँखों से आंसु बन बह गया दर्द उम्मीद मेरी मुझ पे इल्ज़ाम हो गई ! वक्त का फिर कभी पता नहीं चला रफ़्ता रफ़्ता उम्र […] Read more » तेरे जाने के बाद ही शाम हो गई