व्यंग्य साहित्य त्योहार और बाजार…!! September 26, 2017 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा कहते हैं बाजार में वो ताकत हैं जिसकी दूरदर्शी आंखे हर अवसर को भुना कर मोटा मुनाफा कमाने में सक्षम हैं। महंगे प्राइवेट स्कूल, क्रिकेट , शीतल पेयजल व मॉल से लेकर फ्लैट संस्कृति तक इसी बाजार की उपज है। बाजार ने इनकी उपयोगिता व संभावनाओं को बहुत पहले पहचान लिया और […] Read more » त्योहार त्योहार और बाजार बाजार
पर्व - त्यौहार नृत्य, जब महारास में बदल जाये February 10, 2012 / February 10, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment प्रत्येक पर्व एवं त्योहार हमारी जीवन-यात्रा के लिए कुछ न कुछ प्रकृति प्रेम का संदेश लेकर आता है. भारत में मेलों और उत्सवों का उदय भी इसी का क्रमबद्ध रुप था और ये मेले और उत्सव प्रकृति की गोद में, नदी के किनारे या खेती से प्राप्त लाभ की उमंग के रुप में उदय हुए और सामूहिक रुप […] Read more » dance festival त्योहार