कविता
अहंकार बलिदान बड़ा है, देह के बलिदान से
by डॉ. मधुसूदन
-मधुसूदन- मिट्टी में जब, गड़ता दाना, पौधा ऊपर, तब उठता है। पत्थर से पत्थर, जुड़ता जब, नदिया का पानी, मुड़ता है। अहंकार दाना, गाड़ो तो, राष्ट्र बट, ऊपर उठेगा, कंधे से कंधा, जोड़ो तो, इतिहास का स्रोत, मुड़ेगा। अहंकार-बलिदान, बड़ा है, देह के, बलिदान से, इस रहस्य को,जान लो, जीवन सफल, होकर रहेगा इस अनन्त […]
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