ए डिफ़रंट टेक : पुस्तक की समीक्षात्मक टिप्पणी
विद्वान् सर्वत्र पूज्यते।एक, पुस्तक की समीक्षात्मक टिप्पणी Dr. Madhusudan (१)विद्वान् सर्वत्र पूज्यते।”स्वगृहे पूज्यते मूर्खः, स्वग्रामे पूज्यते…
विद्वान् सर्वत्र पूज्यते।एक, पुस्तक की समीक्षात्मक टिप्पणी Dr. Madhusudan (१)विद्वान् सर्वत्र पूज्यते।”स्वगृहे पूज्यते मूर्खः, स्वग्रामे पूज्यते…
माँ तेरी स्वच्छंद गोद में जो स्वर्ग सुख पाया है।कृपा वितान तले तेरे, हो निश्चिन्त…
डॉ. मधुसूदन सूचना: यह आलेख किसी राजनीति से प्रेरित नहीं है। कोरोना की समस्या के…
डॉ. मधुसूदन (एक) प्रवेश:जब हम हिदी-संस्कृत या स्वदेशी प्राकृतों का शब्द चलन में…
डॉ. मधुसूदन (एक) प्रवेश:कभी आपने पाठक, चालक, धावक, गायक, ….इत्यादि क्रिया के अंत में…
डॉ. मधुसूदन(एक)शब्दों के अध्ययन का प्रयोजन:’द्वे ब्रह्मणि वेदितव्ये शब्द ब्रह्मपरं च यत्॥शब्दब्रह्मणि निष्णातः परं ब्रह्माधिगच्छति॥संदर्भ…
डॉ. मधुसूदन’ (एक)अनुरोध:विश्व हिन्दू परिषद (यु. एस. ए.) के नेतृत्व नें अगली पीढी के कार्यकर्ता…
डॉ. मधुसूदन (एक) आलेख सारांश:ॐ==> चंद्रयान शब्द कैसे बना ?ॐ===>संस्कृत शब्द के सरल पारदर्शक…
डॉ. मधुसूदन (एक) त्याग, विवेक और कर्मठता का त्रिवेणी संगम:त्याग विवेक और कर्मठता का त्रिवेणी संगम, वो…
डॉ. मधुसूदन नेति=न+ इति। अर्थात ऐसा नहीं, ऐसा नहीं। नेति नेति का लोक=लोक जो इंद्रियों…
डॉ. मधुसूदन ’जिस समाज में मनुष्य जन्म लेता है; अनजाने (और अन चाहे)ही वह, उस …
डॉ. मधुसूदन जब पूछनेवाले ऐसा प्रश्न पूछते हैं, तो उत्तर देने के पूर्व मैं उन्हें ही…