कविता साहित्य नया सफ़र June 20, 2013 by मिलन सिन्हा | Leave a Comment लगता है जैसे वे कर रहे हों एक तैयारी आज शायद उनकी आ गयी है बारी क्या खोया, क्या पाया ठीक से समझ रहे हैं गुजरा हुआ एक एक पल फिर से जैसे जी रहे हैं कभी ख़ुशी, तो कभी गम के आंसू स्वतः निकल रहे हैं डाक्टरों ने जवाब दे दिया है बेतार माध्यम […] Read more » नया सफ़र