कविता परशुराम की सेना August 16, 2021 / August 16, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकतेरी महिमा अपरंपारकौन पाएतुमसे पारचाटुकार से करते प्यारस्वाभिमानी को देते मारबिना उठाए ही हथियारसेना रखते तुम तैयार! कभी वाहिनी थी तेरीवीर क्षत्रियों की शानउनके बल पर उनकेही हरते थे तुमप्राणपकड़ी गई जब मंशातेरीउलट गई उनकी कृपाण! किंतु संयुक्त पुरोहित थेतुमइनके और उनकेदोस्त के और दुश्मन केसबके संयुक्त सलाहकार! ले कमंडलु इधर मुड़ेले कमंडलु […] Read more » परशुराम की सेना