कविता हास्य व्यंग्य कविता : परेशान ‘मेल’ June 13, 2013 / June 13, 2013 by मिलन सिन्हा | Leave a Comment मिलन सिन्हा मैनेजर ने बड़े बाबू से पूछा, ये क्या हाल बना रक्खा है, टेबुल पर फाइलों का अंबार लगा रक्खा है ? क्या बात है, कुछ कहते क्यों नहीं ? सर, कहने से क्या लाभ हमीं अब बदल रहें है अपना स्टाइल, अपना स्वभाव ! सर, हम जो मर्द हैं न, अर्थात […] Read more » परेशान 'मेल' हास्य व्यंग्य कविता