समाज वेदाज्ञा के अनुसार पारिवारिक व्यवहार का स्वरूप July 1, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य चार वेद सब सत्य विद्याओं की पुस्तकें हैं। यह पुस्तकें मनुष्यों द्वारा रचित व लिखित न होकर अपौरुषेय हैं। इन ग्रन्थों में निहित ज्ञान को मनुष्यों को देने वाला परम पिता परमेश्वर ही है। सृष्टि के आरम्भ में ईश्वर ने अपने पुत्र व पुत्रियों के तुल्य जीवों पर दया कर उन्हें कर्तव्याकर्तव्य […] Read more » पारिवारिक व्यवहार का स्वरूप