कविता सतीश सिंह की पाँच प्रेम कविताएं December 5, 2009 / December 25, 2011 by सतीश सिंह | 3 Comments on सतीश सिंह की पाँच प्रेम कविताएं 1- चुपके से मैं तो चाहता था सदा शिशु बना रहना इसीलिए मैंने कभी नहीं बुलाया जवानी को फिर भी वह चली आई चुपके से जैसे चला आता है प्रेम हमारे जीवन में अनजाने ही चुपके से। ———— 2. याद वैशाख के दोपहर में इस तरह कभी छांह नहीं आती प्यासी धरती की प्यास बुझाने […] Read more » Love Poems प्रेम कविताएं