कविता फिर कौरव सेना सम्मुख है एक महाभारत रच डालो March 12, 2013 / March 12, 2013 by मनोज नौटियाल | 1 Comment on फिर कौरव सेना सम्मुख है एक महाभारत रच डालो कभी गुलामी के दंशों ने , कभी मुसलमानी वंशों ने मुझे रुलाया कदम कदम पर भोग विलासीरत कंसो ने जागो फिर से मेरे बच्चों शंख नाद फिर से कर डालो फिर कौरव सेना सम्मुख है एक महाभारत रच डालो|| मनमोहन धृष्टराष्ट बन गया कलयुग की पहचान यही है गांधारी पश्चिम से आकर जन गण […] Read more » फिर कौरव सेना सम्मुख है एक महाभारत रच डालो