धर्म-अध्यात्म ‘वेद पारायण व बहुकुण्डीय यज्ञों का औचीत्य और प्रासंगिकता’ February 3, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on ‘वेद पारायण व बहुकुण्डीय यज्ञों का औचीत्य और प्रासंगिकता’ आर्य जगत की पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से समय-समय पर ज्ञात होता है कि अमुक-अमुक स्थान पर बहुकुण्डीय यज्ञ हो रहा है व कहीं किसी एक वेद और कहीं चतुर्वेद पारायण यज्ञ हो रहें हैं। यदा-कदा यह सुनने को भी मिलता है कि किसी स्थान पर एक विशाल यज्ञ हो रहा है जिसमें लाखों व करोड़ों […] Read more » ‘वेद पारायण बहुकुण्डीय यज्ञों का औचीत्य बहुकुण्डीय यज्ञों का प्रासंगिकता’