कविता साहित्य बाल हकीकत राय May 20, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment धन्य-धन्य हे बाल हकीकत, धन्य-धन्य बलिदानी। देगी नवजीवन जन-जन को, तेरी अम र कहानी।। प्राण लुटाए निर्भय होकर, धर्म प्रेम की ज्वाला फूंकी। तुझे प्रलोभन देकर हारे, सकल क्रूर मुल्ला अज्ञानी।। नश्वर तन है जीव अमर यह, तत्व ज्ञान का तूने जाना। तेरी गौरव गाथा गा गा, धन्य हुई कवियों की वाणी।। गूंज उठे धरती […] Read more » बाल हकीकत राय