कविता लहू तो एक रंग है August 4, 2014 / October 8, 2014 by रवि श्रीवास्तव | Leave a Comment -रवि श्रीवास्तव- लहू तो एक रंग है, आपस में एक दूसरे से, हो रही क्यों जंग है ? लहू तो एक रंग है, लहू तो एक रंग है। हर तरफ तो शोर है, किस पर किसका जोर है? ढ़ल रही है चांदनी, आने वाली भोर है। रक्त का ही खेल है, रक्त का ही मेल […] Read more » एकता कविता भाईचारा भाईचारा कविता लहू तो एक रंग है
कविता हास्य व्यंग्य कविताएं : शिष्टाचार, भाईचारा, मौज July 19, 2013 / July 19, 2013 by मिलन सिन्हा | Leave a Comment मिलन सिन्हा शिष्टाचार माल सब साफ़ किया विकास के नाम पर विनाश किया भ्रष्टाचार ही शिष्टाचार है कहो न प्यार है. भाईचारा ‘भाईचारा’ का शानदार नमूना देखिये घर का चारा खानेवाला खा रहा अब ‘भाई’ का ‘चारा’ देखिये. मौज […] Read more » भाईचारा मौज हास्य व्यंग्य कविताएं : शिष्टाचार