शिष्टाचार
माल सब
साफ़ किया
विकास के नाम पर
विनाश किया
भ्रष्टाचार ही
शिष्टाचार है
कहो न प्यार है.
भाईचारा
‘भाईचारा’ का
शानदार नमूना देखिये
घर का चारा खानेवाला
खा रहा अब
‘भाई’ का ‘चारा’ देखिये.
मौज
मिल बाँट कर खाते हैं
रोज मौज मनाते हैं
नीति हमारी है
बस खाने की
और राजनीति
बहाने के बदौलत
शासन चलाने की.