शख्सियत केदारनाथ अग्रवाल की गीत चेतना April 1, 2013 / April 1, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on केदारनाथ अग्रवाल की गीत चेतना भारतेन्दु मिश्र मैं /समय की धार में धँसकर खड़ा हूँ। मैं/छपाछप/छापते छल से/लड़ा हूँ क्योंकि मैं सत् से सधा हूँ- जी रहा हूँ; टूटने वाला नहीं कच्चा घड़ा हूँ। केवल और केवल अपनी कविता के सत्व के बल पर संघर्ष के लिए खडे कवि केदारनाथ अग्रवाल हमारे समय के उन जरूरी कवियो में से एक […] Read more » भारतेन्दु मिश्र