राजनीति लोकतांत्रिक मूल्यों की सरकार ही देश समाज से डरती है September 6, 2018 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment प्रवीण गुणगानी एक प्रसिद्द शेर याद आया – गिरते हैं शह सवार ही मैदाने जंग में ,वो तिफ्ल (सैनिक) क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल गिरें मेरी ही नहीं अपितु बहुसंख्य की यह अडिग मान्यता है कि आर्थिक व सामाजिक रूप से क्रीमी लेयर में आ गए sc st का आरक्षण समाप्त हो जाना चाहिए। यह मान्यता […] Read more » कंस पुतना मंथरा दुर्योधन शकुनि सर्वोच्च न्यायालय