लेख साहित्य लंगड़ा गए तो मरने चले : आत्महत्या April 10, 2016 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment आत्महत्या एक ऐसा भयंकर लव्ज़ जिसके सुनते ही हमारी आँखों के आगे एक भयानक मंज़र सामने आता है। कोई भी तब नहीं मरता जब वो सबसे हार जाता है, वो तब मौत के आग़ोश में जाता है जब वो खुदसे हार जाता है। कहने को तो ये मनचाही मौत होती है,पर ये एक ऐसी स्थिति […] Read more » आत्महत्या मरने चले