कविता महादेवी जी की मन की भावना September 26, 2020 / September 26, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment इच्छाएं मेरी अनेक अनंत थीउनका मैंने अब त्याग कियाइच्छाएं ही दुख की कारण थीउनका नहीं मैंने स्मरण किया साथी मेरा अब चला गयाउसका शोक अब क्या करनाजीवन की बची है पगडंडियांउन पर चल जीवन पूरा करना भू की न प्यास बुझा पाईउसकी भी मै न कुछ दे पाईप्रयत्न किए थे बहुत कुछ मैंनेपर अंत समय […] Read more » महादेवी जी