साहित्य जम्मू कश्मीर के इतिहास का एक दु:खद अध्याय/ महाराजा हरि सिंह का निष्कासन February 6, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 1 Comment on जम्मू कश्मीर के इतिहास का एक दु:खद अध्याय/ महाराजा हरि सिंह का निष्कासन — डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री अंग्रेज़ों के चले जाने के बाद और भारतीय रियासतों का देश की नई सांविधानिक व्यवस्था में अधिमिलन हो जाने के बाद महाराजा हरि सिंह इतना तो समझ ही चुके थे कि इतिहास का रथ जिस दिशा में जा रहा है , उसे वापिस नहीं पलटा जा सकता । वैसे तो […] Read more » जम्मू कश्मीर के इतिहास का एक दु:खद अध्याय महाराजा हरि सिंह महाराजा हरि सिंह का निष्कासन
विविधा महाराजा हरि सिंह के अपमान का सिलसिला जारी है August 14, 2014 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 8 Comments on महाराजा हरि सिंह के अपमान का सिलसिला जारी है -डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री- महाराजा हरि सिंह जम्मू कश्मीर के अंतिम शासक थे । उन का नाम राज्य के उन शासकों में आता है जिन्होंने अपने प्रगतिशील दृष्टिकोण के कारण राज्य में अनेक सुधार किये और शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिये अनेक कार्य किये । वे आर्यसमाजी थे इसलिये उन्होंने राज्य में दलित समाज […] Read more » महाराजा हरि सिंह महाराजा हरि सिंह का अपमान
विविधा इतिहास की सलीब पर लटकते जम्मू-कश्मीर के अन्तिम महाराजा हरि सिंह October 25, 2013 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 7 Comments on इतिहास की सलीब पर लटकते जम्मू-कश्मीर के अन्तिम महाराजा हरि सिंह डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री इतिहास ने जितना अन्याय जम्मू-कश्मीर के अंतिम महाराजा हरि सिंह के साथ किया उतना शायद किसी अन्य के साथ न किया हो । जम्मू-कश्मीर को लेकर जितना कुछ लिखा गया है शायद भारत की किसी भी रियासत को लेकर इतना न लिखा गया हो । जब किसी विषय पर ज़रुरत से […] Read more » महाराजा हरि सिंह